ऐजादी बौडी रौडी धौडी, भारी खुद लगींचा तेरी
सुद बुद नीं रईं छा, सेणी खाणी हरचिंचा मेरी
ऐजादी बौडी रौडी धौडी, भारी खुद लगींचा तेरी-2
फूल
फूली सुखी गेनी, कब ऐली
बसन्त ऐ कि चली गेनी, कब ऐली
ऋतु ऐनी ऋतु गेनी, तू नी ऐई
कोथिग व्ही रेनी, तू नी ऐई,
तू नि ऐई क्यों नी ऐई
सच्च बुनू छों, त्यार सौंऊँ, हे भारी खुद लागिंचा तेरी
ऐजादी बौडी रौडी धौडी, भारी खुद लगींचा तेरी-2
दिन
लगणा छन मैना, कब ऐली
बरस लगीदिन जुग, कब
ऐली
रुड्यु
का घाम मिन, बहोत तपेनी
ह्युंद
का जाड़ा भी, बहोत सयेनी
तू
नी एई, क्यो नी एई
सच्च
बुनू छों, त्यार सौंऊँ, हे भारी खुद लागिंचा तेरी
कख अल्झिं रैगे तू, अब ऐली
कनी
निर्दय व्हेगे तू, कब ऐली
थकी
गेनी आँखी, बाटू हेर हेरी
निरसेगे
जिकुड़ी जग्वाल केर कैरी
तू
नी एई, क्यो नी एई
सच्च
बुनू छों, त्यार सौंऊँ, हे भारी खुद लागिंचा तेरी
ऐजादी बौडी रौडी धौडी, भारी खुद लगींचा तेरी
No comments:
Post a Comment