रोंतेली व्हे
गेना यूं चली डांडी
बरखाण लेगे बहार देखा
रोंतेली व्हे गेना यूं चली डांडी
बरखाण लेगे बहार देखा
आज हिमालय की बेटी को ब्यो चा
पार्वती को श्रृंगार देखा
आज हिमालय की बेटी को ब्यो चा
पार्वती को श्रृंगार देखा
रोंतेली व्हे गेना यूं चली डांडी
इंद्र की अछिल्यूला
सर्ग बटीका
रिमझिम काया फुलू की बरखा
संगीत.......................१२३
हिमवंत राज की सब बेटी ब्वारी
सज धजी ऐना स्वागिनी नारी
झलकीदी नथुली गुलाब नाकु मा
लपकिली मुर्किली झुमकी कानू मा
लपकिली मुर्किली झुमकी कानू मा
झिन्वारी कंठी चुड्यूं को छणमण
कोंटा धगुला हंसुली को खणमण
कोंटा धगुला हंसुली को खणमण
देखा रे देखा रे देखा रे देखा
ओ देखा
हाँ देखा
तलखी अंगडी कस्ग्यू पट् ग्वा
हिमवंती रित रिवाज देखा
आज हिमालय की बेटी को ब्यो चा
पार्वती को श्रृंगार देखा
रोंतेली व्हे गेना यूं चली डांडी
रणसिंगा कूरी भंखोर
खडताल
गाजीगे बाजोंल सरग पताल
संगीत.......................१२३
उतरी के कैलाश छोड़ी शंकर
चौखम्बा पोर चमके त्रिशूल
डाँडो ते लांगी के ऐ गे बारात
छल्किन नाचिन पञ्च प्रयाग
छल्किन नाचिन पञ्च प्रयाग
दगडा मा चौन्ड्या अर डॉन्ड्या नर्सिंग
जलनाग भैरों थलनाग भैरों
जलनाग भैरों थलनाग भैरों
देखा रे देखा रे देखा रे देखा
ओ देखा
हाँ देखा
महानाग राजा खीत बराती
गरुड़ रति निरंकार देखा
आज हिमालय की बेटी को ब्यो चा
पार्वती को श्रृंगार देखा
रोंतेली व्हे गेना यूं चली डांडी
डांडा बंथोला रंसुली
कुलेंई
फरफर हले क चँवर घुमायो
संगीत.......................१२३
रुड रितुला चमके क घाम
उज्यालो स उनुको पतुलो जगायो
सौण भादौ न रिमझिम बरखिकी
मानी न पार्वती ब्योली नवाया
मानी न पार्वती ब्योली नवाया
ह्यूंद का महीनो न चिट सफ़ेद
बाटा मा उज्याली चदरी बिछाया
बाटा मा उज्याली चदरी बिछाया
देखा रे देखा रे देखा रे देखा
ओ देखा
हाँ देखा
बासंत ऋतुला पिंग्लाया चदरी
पैनाया फुलू कू हार देखा
आज हिमालय की बेटी को ब्यो चा
पार्वती को श्रृंगार देखा
रोंतेली व्हे गेना यूं चली डांडी
बरखाण लेगे बहार देखा
आज हिमालय की बेटी को ब्यो चा
पार्वती को श्रृंगार देखा
रोंतेली व्हे गेना यूं चली डांडी
बरखाण लेगे बहार देखा
आज हिमालय की बेटी को ब्यो चा
पार्वती को श्रृंगार देखा
बरखाण लेगे बहार देखा
रोंतेली व्हे गेना यूं चली डांडी
बरखाण लेगे बहार देखा
आज हिमालय की बेटी को ब्यो चा
पार्वती को श्रृंगार देखा
आज हिमालय की बेटी को ब्यो चा
पार्वती को श्रृंगार देखा
रोंतेली व्हे गेना यूं चली डांडी
रिमझिम काया फुलू की बरखा
संगीत.......................१२३
हिमवंत राज की सब बेटी ब्वारी
सज धजी ऐना स्वागिनी नारी
झलकीदी नथुली गुलाब नाकु मा
लपकिली मुर्किली झुमकी कानू मा
लपकिली मुर्किली झुमकी कानू मा
झिन्वारी कंठी चुड्यूं को छणमण
कोंटा धगुला हंसुली को खणमण
कोंटा धगुला हंसुली को खणमण
देखा रे देखा रे देखा रे देखा
ओ देखा
हाँ देखा
तलखी अंगडी कस्ग्यू पट् ग्वा
हिमवंती रित रिवाज देखा
आज हिमालय की बेटी को ब्यो चा
पार्वती को श्रृंगार देखा
रोंतेली व्हे गेना यूं चली डांडी
गाजीगे बाजोंल सरग पताल
संगीत.......................१२३
उतरी के कैलाश छोड़ी शंकर
चौखम्बा पोर चमके त्रिशूल
डाँडो ते लांगी के ऐ गे बारात
छल्किन नाचिन पञ्च प्रयाग
छल्किन नाचिन पञ्च प्रयाग
दगडा मा चौन्ड्या अर डॉन्ड्या नर्सिंग
जलनाग भैरों थलनाग भैरों
जलनाग भैरों थलनाग भैरों
देखा रे देखा रे देखा रे देखा
ओ देखा
हाँ देखा
महानाग राजा खीत बराती
गरुड़ रति निरंकार देखा
आज हिमालय की बेटी को ब्यो चा
पार्वती को श्रृंगार देखा
रोंतेली व्हे गेना यूं चली डांडी
फरफर हले क चँवर घुमायो
संगीत.......................१२३
रुड रितुला चमके क घाम
उज्यालो स उनुको पतुलो जगायो
सौण भादौ न रिमझिम बरखिकी
मानी न पार्वती ब्योली नवाया
मानी न पार्वती ब्योली नवाया
ह्यूंद का महीनो न चिट सफ़ेद
बाटा मा उज्याली चदरी बिछाया
बाटा मा उज्याली चदरी बिछाया
देखा रे देखा रे देखा रे देखा
ओ देखा
हाँ देखा
बासंत ऋतुला पिंग्लाया चदरी
पैनाया फुलू कू हार देखा
आज हिमालय की बेटी को ब्यो चा
पार्वती को श्रृंगार देखा
रोंतेली व्हे गेना यूं चली डांडी
बरखाण लेगे बहार देखा
आज हिमालय की बेटी को ब्यो चा
पार्वती को श्रृंगार देखा
रोंतेली व्हे गेना यूं चली डांडी
बरखाण लेगे बहार देखा
आज हिमालय की बेटी को ब्यो चा
पार्वती को श्रृंगार देखा