ईखमा छवी उखमा छवी जखमा देखा तकमा छवी
ईख मा छवी उख मा छवी उठ्दा बेठ्दा छवी छवी
ईखमा उखमा जखमा तखमा पूछा न अब क्या बून की कखमा
ईखमा छवी उखमा छवी जखमा देखा तकमा छवी
सुद बुद नि रेंद दिन रात की कन छुयांल व्हे तू बकी बात की
बकी बात की, कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की
तेल्या खोला कुटणु जांद तेल्या खोला
तेल्या खोला कुटणु जांद, उर्खयाली मा छवी लगाद
मेरी गंज्यली रुकदी नि
मेल्या खोला पिसणु जांद मेल्या खोला
मेल्या खोला पिसणु जांद रात बासा रेकी आंद
मेरी जंदरी थकदी नि
द्वी अंगुल की गिची गिची,अर जीभ डेढ हाथ की
कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की, कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की
भुजी बणाद छ्वी लगांद भुजी बणाद
भुजी बणाद छ्वी लगांद भुजी चूले मा फुके जांद
चुला जुगदा ग्वोदडी भिन्डी
रव्टी पकांद छ्वी लगांद रव्टी पकांद
रव्टी पकांद छ्वी लगांद रव्टी तवे मा बिसरी जांद
मेरी सग्योरा अब खा बिन्डी
को भग्यान खालो खालो अजी खालो तेरा हाथ की
कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की, कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की
बणों मा कछ्डी लगांद बणों मा बणों मा कछ्डी लगांद
पन्दरों मा पंचत बैठांद हे मेरी छुयू भूखी रे गयूं
बिज्याँ मात थो नि खांद बिज्याँ मा बिज्याँ मात थो नि खांद
नींद मा भी बच्याण रांद बरसों बटी ऊणिद छोऊ
सेणी खाणी हरची हरची अजी हरची दिन रात की
कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की, कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की
छुयू बटी छवी निकलदी छुयू बटी छुयू बटी छवी निकलदी
गिची जन मशीन चलदी हे मेरी गिची क्या करू क्या करू
दाड पीड़ा जिसे लेंद दाड पीड़ा दाड पीड़ा जिसे लेंद
पर घडेक चुप नि रेंद हे मेरी बोई मुंडरु मुंडरु
क्या चीज रचिचा रचिचा रचिचा वे विधाता की
कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की, कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की
ईखमा छवी उखमा छवी जखमा देखा तकमा छवी
ईख मा छवी उख मा छवी उठ्दा बेठ्दा छवी छवी
ईखमा उखमा जखमा तखमा पूछा न अब क्या बून की कखमा
ईखमा छवी उखमा छवी जखमा देखा तकमा छवी
सुद बुद नि रेंद दिन रात की कन छुयांल व्हे तू बकी बात की
बकी बात की, कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की
ईख मा छवी उख मा छवी उठ्दा बेठ्दा छवी छवी
ईखमा उखमा जखमा तखमा पूछा न अब क्या बून की कखमा
ईखमा छवी उखमा छवी जखमा देखा तकमा छवी
सुद बुद नि रेंद दिन रात की कन छुयांल व्हे तू बकी बात की
बकी बात की, कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की
तेल्या खोला कुटणु जांद तेल्या खोला
तेल्या खोला कुटणु जांद, उर्खयाली मा छवी लगाद
मेरी गंज्यली रुकदी नि
मेल्या खोला पिसणु जांद मेल्या खोला
मेल्या खोला पिसणु जांद रात बासा रेकी आंद
मेरी जंदरी थकदी नि
द्वी अंगुल की गिची गिची,अर जीभ डेढ हाथ की
कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की, कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की
भुजी बणाद छ्वी लगांद भुजी बणाद
भुजी बणाद छ्वी लगांद भुजी चूले मा फुके जांद
चुला जुगदा ग्वोदडी भिन्डी
रव्टी पकांद छ्वी लगांद रव्टी पकांद
रव्टी पकांद छ्वी लगांद रव्टी तवे मा बिसरी जांद
मेरी सग्योरा अब खा बिन्डी
को भग्यान खालो खालो अजी खालो तेरा हाथ की
कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की, कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की
बणों मा कछ्डी लगांद बणों मा बणों मा कछ्डी लगांद
पन्दरों मा पंचत बैठांद हे मेरी छुयू भूखी रे गयूं
बिज्याँ मात थो नि खांद बिज्याँ मा बिज्याँ मात थो नि खांद
नींद मा भी बच्याण रांद बरसों बटी ऊणिद छोऊ
सेणी खाणी हरची हरची अजी हरची दिन रात की
कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की, कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की
छुयू बटी छवी निकलदी छुयू बटी छुयू बटी छवी निकलदी
गिची जन मशीन चलदी हे मेरी गिची क्या करू क्या करू
दाड पीड़ा जिसे लेंद दाड पीड़ा दाड पीड़ा जिसे लेंद
पर घडेक चुप नि रेंद हे मेरी बोई मुंडरु मुंडरु
क्या चीज रचिचा रचिचा रचिचा वे विधाता की
कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की, कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की
ईखमा छवी उखमा छवी जखमा देखा तकमा छवी
ईख मा छवी उख मा छवी उठ्दा बेठ्दा छवी छवी
ईखमा उखमा जखमा तखमा पूछा न अब क्या बून की कखमा
ईखमा छवी उखमा छवी जखमा देखा तकमा छवी
सुद बुद नि रेंद दिन रात की कन छुयांल व्हे तू बकी बात की
बकी बात की, कन छुयांल व्हे तू बकि बात की
बकी बात की